आशुतोष कमोड़ पर बैठा सिगरेट के लंबे- लंबे कश ले रहा था। उसका मन स्वामी शिवदास की बात को मान चुका था लेकिन उसका दिमाग इसे पूरी तरह नकार रहा था। ...

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